Sant Ravidas Biography In Hindi : संत रविदास कौन थे? इतिहास, विचारधारा और भक्ति परंपरा में भूमिका

Sant Ravidas Biography In Hindi

Sant Ravidas Biography In Hindi : भारत के महान संतों में संत रविदास जी का नाम अत्यंत श्रद्धा और सम्मान के साथ लिया जाता है। वे न केवल एक आध्यात्मिक गुरु थे, बल्कि एक सामाजिक सुधारक, कवि, समाज में समानता और मानवता के समर्थक भी थे। निर्गुण भक्ति परंपरा के प्रमुख स्तंभों में से एक संत रविदास ने अपने विचारों से समाज की जड़ें बदलने का काम किया। उनकी वाणी आज भी करोड़ों लोगों को सत्य, प्रेम, समानता और भक्ति का मार्ग दिखाती है।

संत रविदास कौन थे?

Sant Ravidas Biography In Hindi : संत रविदास (रैदास/रोहिदास) 15वीं–16वीं शताब्दी के महान संत, कवि और समाज सुधारक थे। वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत थे और निर्गुण भक्ति के प्रवर्तकों में एक माने जाते हैं। उन्होंने समाज में जात-पात, ऊँच-नीच और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उनके अनुसार –
“मन चंगा तो कठौती में गंगा।”
अर्थात यदि मन शुद्ध है तो भगवान हर स्थान पर हैं।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

  • जन्म: लगभग 1377 ई. (कुछ मत 1450 ई. भी कहते हैं)
  • जन्मस्थान: वाराणसी (कासी), सीर गोवर्धनपुर
  • पिता: संतोख दास
  • माता: करमा देवी
  • जाति: चर्मकार (चमड़ा का काम करने वाला मध्यम वर्ग)

गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद संत रविदास के विचार बचपन से ही अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक थे। कहा जाता है कि वे बचपन से ही दयालु, शांत और सेवा-भावी थे।

शिक्षा और आध्यात्मिक रुचि

Sant Ravidas Biography In Hindi : संत रविदास को औपचारिक शिक्षा अधिक नहीं मिली, लेकिन उन्होंने जीवन के अनुभवों और सत्संग के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया। उनके पिता चाहते थे कि वे पारिवारिक पेशा (चमड़ा का काम) अपनाएँ, लेकिन रविदास जी ने भक्ति का मार्ग चुना।

आध्यात्मिक गुरु और साधना

  • संत रविदास जी कबीरदास के समकालीन थे।
  • कई ग्रंथों में उनका संबंध स्वामी रामानंद से भी बताया गया है।
  • वे निर्गुण भक्ति के अनुयायी थे – अर्थात ईश्वर को निराकार, अदृश्य और सर्वव्यापी मानते थे।

उनकी साधना का उद्देश्य था — भगवान से सीधा संबंध और हर मनुष्य के लिए समानता।

संत रविदास जी की विचारधारा

1. समानता और मानवता

उन्होंने कहा कि संसार में सभी मनुष्य बराबर हैं। किसी की जाति, धर्म या रंग के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।

2. निर्गुण भक्ति

वे मूर्तिपूजा में विश्वास नहीं रखते थे। उनका मानना था कि ईश्वर का वास मन में है, किसी विशेष स्थान या रूप में नहीं।

3. कर्म पर जोर

संत रविदास कर्म, सदाचार, सत्य और सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानते थे।

4. मन की शुद्धि

उनकी प्रसिद्ध उक्ति “मन चंगा तो कठौती में गंगा” आज भी सद्भावना का प्रतीक है।

5. सामाजिक सुधार

उन्होंने दलित, पिछड़े और शोषित वर्ग के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण संदेश दिए।

भक्ति आंदोलन में संत रविदास जी की भूमिका

Sant Ravidas Biography In Hindi : भक्ति आंदोलन के दौर में जब समाज जाति, रीति-रिवाजों और ऊँच-नीच से बँटा हुआ था, तब संत रविदास जी ने एक समानता-आधारित, प्रेममय समाज की कल्पना दी। उन्होंने कहा कि:

  • ईश्वर सभी के हैं
  • जन्म से कोई छोटा या बड़ा नहीं होता
  • भक्ति का अधिकार हर इंसान को है

उनके विचारों से उत्तर भारत में सामाजिक जागृति आई और संतों की नई पीढ़ी प्रेरित हुई।

संत रविदास की प्रमुख रचनाएँ

Sant Ravidas Biography In Hindi : संत रविदास की रचनाएँ सरल, भावपूर्ण और आध्यात्मिक संदेशों से भरी हैं। उनकी कई पंक्तियाँ गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं।

उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ:

  • मन चंगा तो कठौती में गंगा
  • ऐसा चाहूँ राज मैं, जहाँ मिले सबन को अन्न
  • प्रभु जी तुम चंदन, हम पानी
  • बेगमपुरा शहर (उनकी कल्पना का आदर्श समतामूलक राज्य)

बेगमपुरा – संत रविदास का आदर्श समाज

Sant Ravidas Biography In Hindi : संत रविदास ने एक ऐसे समाज का सपना देखा जहाँ:

  • न कोई दुःख हो
  • न कोई कर (tax) हो
  • सबको समान अवसर मिले
  • सब लोग मिलकर प्रेम से रहें

इस समाज को उन्होंने “बेगमपुरा” कहा।

संत रविदास और मीरा बाई का संबंध

Sant Ravidas Biography In Hindi : मीरा बाई संत रविदास को अपना गुरु मानती थीं। मीरा ने उन्हें “गुरुदेव” कहकर संबोधित किया और उनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया। यह गुरु-शिष्य संबंध भक्ति आंदोलन की महान घटनाओं में से एक माना जाता है।

संत रविदास की मृत्यु

  • निधन: लगभग 1529 ई.
  • कई मतों के अनुसार उनकी मृत्यु वाराणसी में हुई।
  • उनकी स्मृति में कई मंदिर, गुरुद्वारा और आश्रम बने हुए हैं।

आज के दौर में संत रविदास जी का महत्व

Sant Ravidas Biography In Hindi : आज भी संत रविदास जी के विचार उतने ही प्रासंगिक हैं जितने सदियों पहले थे।

  • जाति-भेद मिटाने की प्रेरणा
  • मानवता और समानता का संदेश
  • सरल और निष्काम भक्ति का मार्ग
  • सामाजिक न्याय के लिए आवाज

उनकी शिक्षाएँ समाज में एक नई सोच पैदा करती हैं—जहाँ सभी को समान अवसर मिलें।

निष्कर्ष

Sant Ravidas Biography In Hindi – संत रविदास जी केवल एक संत नहीं थे, बल्कि समाज सुधारक, कवि, दार्शनिक और मानवता के प्रवक्ता थे। उन्होंने अपने जीवन से यह साबित किया कि मन की शुद्धता, सत्य, भक्ति और प्रेम ही सबसे बड़ी पूजा है। उनका संदेश—
“मानुष हि जात सबै एकै पहिचानबो।”

आज भी हमें समानता और भाईचारे की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

इसे भी पढ़ें:-

गोस्वामी तुलसीदास (जीवन / साहित्य परिचय ) Goswami TTulsidas Ka Jivan Parichay in 2024

Kabir Das Ka Jivan Parichay : संत कबीर दास का जीवन परिचय एवं कृतियाँ

SURDAS KA JIVAN PARICHAY : महान कवि सूरदास का जीवन परिचय एवं रचनायें

Share:

WhatsApp
Telegram
Facebook
Twitter
LinkedIn
close button