Mangal Pandey Biography In Hindi

Mangal Pandey Biography In Hindi : आजादी के महानायक मंगल पाण्डेय का जीवन परिचय

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Mangal Pandey Biography In Hindi : मंगल पांडे ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम’ के अग्रणी योद्धा थे। जिन्होंने सन् 1857 में ब्रिटिश हुकूमत को अपनी क्रांति से आजादी का एक नया अध्याय रखा। यह उसे समय था जब ईस्ट इंडिया कंपनी अपनी जड़े पूरी तरह से भारत में मजबूत कर चुके थे। और उनके विरुद्ध बोलने की ताकत किसी में नहीं थी। लेकिन कोलकाता से कुछ मेल दूर बैरकपुर की शांत छावनी से किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी कि यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फुका जाएगा।

सही मायने में देखा जाए तो क्रांतिकारी विद्रोह का शुरुआत कैसे होती है जिसकी अग्रदूत बने मंगल पांडे हालांकि भारत को पूर्ण स्वराज मिलने में लगभग 100 वर्ष लग गए। आई अब हम इस आजादी के महान नायक मंगल पांडे का जीवन परिचय और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Mangal Pandey Biography In Hindi : एक संक्षिप्त परिचय

नाममंगल पाण्डेय
जन्म तिथि 19 जुलाई, 1827
जन्म स्थान नगवा गांव, बलिया जिला, उत्तर प्रदेश
पेशा सिपाही, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
पिता का नाम दिवाकर पाण्डेय
माता का नाम अभयरानी देवी
नारा “मारो फिरंगी को”
मृत्यु 8 अप्रैल, 1857
मृत्यु स्थान बैरकपुर बंगाल, प्रेसीडेंसी ब्रिटिश इंडिया

Mangal Pandey Biography In Hindi : मंगल पांडे का प्रारंभिक जीवन परिचय

Mangal Pandey Biography In Hindi : मंगल पांडे का भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के बलिया जिले के नगवा गांव में 18 जुलाई 1827 को हुआ था। इनके पिता का नाम से दिवाकर पांडे जो की एक किसान थे और माता जी का नाम श्रीमती अभय रानी था, क्योंकि मंगल पांडे का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था तो इनके मस्तिक पर हिंदू धर्म का अच्छा खासा प्रभाव था जिसके कारण मंगल पांडे हिंदू धर्म को सर्वश्रेष्ठ धर्म मानते थे।

इनके पिताजी की कृषि का कार्य करते लेकिन प्रतिवर्ष बाढ़ के चलते खेती में नुकसान उठाना पड़ता था जिसके चलते मंगल पांडे ने अपने घर की आरती की स्थिति सुधारने के लिए 22 साल की उम्र में ब्रिटिश भारतीय आर्मी जॉइन कर लिया था। वे बैरकपुर की सैनिक छावनी में “34वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री” की पैदल सेवा की सिपाही थे।

Mangal Pandey Biography In Hindi : क्या था 1857 का विद्रोह

Mangal Pandey Biography In Hindi : कहते हैं कि ‘अंत ही आरंभ है’ और मंगल पांडे के जीवन का अंतिम स्वाधीनता संग्राम का आरंभ बताएं 1857 का विद्रोह की शुरुआत तो सिर्फ एक बंदूक की गोली की वजह से हुआ था, लेकिन इसका परिणाम ऐसा होगा की आजादी मिलने तक जारी रहेगा, ये किसी ने नहीं सोचा था।

अंग्रेजी शासन ने अपने इस बटालियन को एनफील्ड राइफल दी थी, जिसका निशाना अचूक था इस बंदूक में गोली भरने की प्रक्रिया काफी पुरानी थी। इसमें गोली भरने के लिए कारतूस को दांतों से खोलना होता था। और मंगल पांडे ने इसका विरोध कर दिया था क्योंकि ऐसी बात फैल चुकी थी कि कारतूस में गाय और सूअर की मांस का उपयोग किया जा रहा है।

मंगल पांडे का विद्रोह अंग्रेजी हुकूमत को पसंद नहीं आया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मंगल पांडे को तय तिथि से 10 दिन पहले 8 अप्रैल 1857 को फांसी दे दी गई क्योंकि ऐसी आसंका जताई जा रही थी कि उनकी फांसी से हालत बिगाड़ सकते हैं। मंगल पांडे ने अपने अन्य साथियों से भी इसका विरोध करने के लिए कहा और ऐसा ही हुआ।

Mangal Pandey Biography In Hindi : 1857 के विद्रोह का परिणाम क्या निकला?

Mangal Pandey Biography In Hindi : मंगल पांडे की कुर्बानी व्यर्थ नहीं गया उनकी मृत्यु ने अंग्रेजी शासन को स्पष्ट संदेश दे दिया कि आने वाला दौर मुश्किल मुश्किल होने वाला है मंगल पांडे की फांसी की 1 महीने बाद ही 10 में 1857 को मेरठ की छावनी में कोतवाल धन सिंह गुर्जर के नेतृत्व में बगावत हो गई इसके बाद कई और जगह से भी ऐसी ही खबर सामने आने लगी थी। जिसका परिणाम यह हुआ की अंग्रेजी हुकूमत इस विद्रोह से काफी घबरा गई।

Mangal Pandey Biography In Hindi

Mangal Pandey Biography In Hindi : मंगल पांडे ने खुद से मेरी गोली

इस घटना के बाद 34वीं नेटिव इंफ्राटेक के कमांडिंग अफसर भी वहां पहुंच गए और उन्होंने वहां मौजूद सभी सैनिकों को मंगल पांडे को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया लेकिन जब मंगल पांडे का किसी भी सैनिक के साथ नहीं दिया और उन्हें कुछ सैनिक गिरफ्तार करने आए तो उन्होंने स्वयं को गोली मारने का प्रयास किया और बुरी तरह से घायल हो गए इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके अस्पताल भेज दिया गया।

Mangal Pandey Biography In Hindi : मंगल पांडे को सुनाई गई फांसी की सजा

इसके बाद देशभर की सैनिक छावनियों में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह तेजी से फैल गया लेकिन मंगल पांडे को फांसी की सजा सुना दी गई। पहले मंगल पांडे की फांसी की तारीख 18 अप्रैल को मुकर्रर की गई थी लेकिन देश भर में आक्रोश न फैल जाए इसलिए उन्हें 10 दिन पहले मंगल पांडे को फांसी पर लटका दिया गया। बता दे की 1857 के विद्रोह में जान डाल देने वाले मंगल पांडे पहले भारतीय थे। इस घटना की गवाह ‘जमादार ईश्वरी प्रसाद’ को भी 21 अप्रैल 1857 को फांसी पर चढ़ा दिया गया।

Mangal Pandey Biography In Hindi : मंगल पांडे पर लिखी गई पुस्तक

यहां आजादी के महानायक मंगल पांडे का जीवन परिचय के साथ उनकी जीवनी पर भी लिखी गई कुछ पुस्तक के बारे में बताया गया जो इस प्रकार से हैं :-

  • डेट लाइन 1857 रिवॉल्ट अगेंस्ट द राज – रुद्रांशु मुखर्जी
  • व्हाट रियली हैपेंड ड्यूरिंग द म्यूटनी – पीजिओ टेलर
  • मंगल पांडे द टू स्टोरी ऑफ़ एन इंडियन रिवॉल्यूशनरी – अमरेश मिश्रा

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FAQs

मंगल पांडे का जन्म कहां हुआ था?

मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था।

मंगल पांडे कहां के रहने वाले थे?

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले थे।

मंगल पांडे के माता-पिता का क्या नाम था?

मंगल पांडे के माता का नाम अभय रानी और पिता का नाम दिवाकर पांडे था।

मंगल पांडे ने क्या नारा दिया था?

“मारो फिरंगी को” का प्रसिद्ध नारा था।

मंगल पांडे को फांसी कब दी गई थी?

मंगल पांडे को 18 अप्रैल 1857 को फांसी दी गई थी।

1857 के स्वतंत्रता संघर्ष में शहीद होने वाला पहला व्यक्ति कौन था?

मंगल पांडे 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष में शहीद होने वाले पहले व्यक्ति थे।

मंगल पांडे किस रेजिमेंट की सिपाही थे?

बंगाल नेट तो इन्फेंट्री के 34 सी रेजीमेंट में सिपाही के रूप में सेवा देने वाले मंगल पांडे ‘सिपाही विद्रोह’ या ‘स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध’ के सबसे प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे।

मंगल पांडे ने विद्रोह कहां किया था?

मंगल पांडे ने कोलकाता के पास बैरकपुर में 29 मार्च 1857 को अंग्रेजों के खिलाफ पहले विद्रोह किया था।

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