IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : आईआईटी गुवाहाटी में नैनो मटेरियल का आविष्कार, जो पता लगाएंगे शरीर के खतरनाक टॉक्सिन

IIT GUWAHATI INVENTION 2025

IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (IIT GUWAHATI) गुवाहाटी के रिसचर्स ने सोमवार को एक नैनो मटेरियल को विकसित किया है, जिससे बिना अधिक खर्च के मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक टॉक्सिन का पता लगाने में मदद मिल सकती है।

IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : पारा दूषित भोजन, पानी, हवाई जा त्वचा के संपर्क में आने से शरीर में प्रवेश कर सकता है। इनके संपर्क से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं, जिनमे तंत्रिका तंत्र को नुकसान, अंगों का काम करना बंद करना और कॉग्निटिव नुकसान शामिल है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने ऐसे नैनो कर्ण का विकास किया है जो धातुओं से बने होते हैं और बहुत स्थिर होते हैं यह नैनो कण जीवित कोशिकाओं में मौजूद जहरीले धातुओं जैसे पारे का पता लगा सकते हैं, बिना उन्हें कोई नुकसान पहुंचाये।

आईआईटी गुवाहाटी में नैनो मटेरियल का आविष्कार

IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : शोधकर्ताओं का कहना है कि इस नए अविष्कार से रोगों का पता लगाने और पर्यावरण की निगरानी में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। यह जैविक प्राणियों में धातुओं की विषाक्तता का पता लगाने और उसका प्रबंधन बेहतर बनाएगा। आईआईटी गुवाहाटी के भौतिक विभाग के सहायक प्रोफेसर सैकत भौमिक ने कहा, “पेरोवस्काइट नैनो क्रिस्टल का एक प्रमुख विशेषता उनकी साकिर्ण उत्सर्जन रखा है, जो धातु का पता लगाने के लिए हाई सिग्नल टू अनुपात के कारण संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए उपयुक्त है।”

IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : शोधकर्ताओं ने कहा कि पारंपरिक इमेजिंग विधियां अक्सर प्रकाश के बिखराव से जूझती हैं। जिससे गहरी कोशिका परतों से स्पष्ट छवियों का कैप्चर करना मुश्किल हो जाता है। यह नैनो क्रिस्टल बहुत छोटे होते हैं (एक बाल की मोटाई से लाख गुना छोटे) और रोशनी के साथ खास तरह से प्रतिक्रिया करते हैं। इन्हें कोशिकाओं में फ्लोरोसेंट (चमकदार) जांच के रूप में उपयोग किया जाता है। हालांकि, पानी में जल्दी खराब होने की वजह से इनका उपयोग सीमित था।

IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : नैनो क्रिस्टल ने पारे के बहुत कम स्तर को मापने में भी सटीक संवेदनशीलता का भी प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, जब जीवित स्तनधारी कोशिकाओं पर परीक्षण किया गया तो नैनोक्रिस्टल को गैर विशाख्त पाया गया। इससे यह कोशिकाओं के कार्यों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और पारे के आयांश की सटीक निगरानी संभव हो सकेगी। पारा का पता लगाने के अलावा यह नैनो क्रिस्टल जैविक प्रणालियों में अन्य विषाक्त धातुओं की पहचान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

IIT GUWAHATI INVENTION 2025

समस्या का समाधान

IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : शोधकर्ताओं ने इन नैनो क्रिस्टल को सिलिका और पॉलीमर की कोटिंग से सुरक्षित किया है जिससे उनकी स्थिरता और चमक पानी में बढ़ गई। अभी नैनो क्रिस्टल लंबे समय तक काम कर सकते हैं और विशेष तरंगदैधर्य की रोशनी से चमकते हुए हानिकारक पारे का सटीक पता लगा सके।

पारे की पहचान और प्रभाव

  • IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : पारा बहुत खतरनाक होता है और खाने-पीने अपनी सांस या त्वचा के संपर्क से शरीर में घुसकर नर्वस सिस्टम अंगों और मासिक क्षमताओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : शोधकर्ताओं ने पाया कि यह नैनोक्रिस्टल में संवेदनशील और कार्य को नैनोमोलर स्तर तक भी पहचान सकते हैं

सेफ्टी और अन्य उपयोग

  • IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : जीवित कोशिकाओं पर किए गए परीक्षणों में यह नैनो क्रिस्टल गैर-विषैले साबित हुए और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाये बिना पारे की पहचान कर सके।
  • IIT GUWAHATI INVENTION 2025 : इनका उपयोग सिर्फ पारे तक सीमित नहीं है यह अन्य हानिकारक धातुओं की पहचान, गांव की वितरण और उपचार की निगरानी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकते हैं।

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Frequently asked question

1. आईआईटी गुवाहाटी में कितने कोर्स है?

वर्तमान में संस्थान में 11 विभाग और पांच अंतः विषय शैक्षणिक केंद्र है जो सभी प्रमुख इंजीनियरिंग विज्ञान और मनाविक विषयों को कवर करते हैं, तथा बीटेक, बिडेस, एमए, एमडेस, एमटेक, एमएससी और पीएचडी कार्यक्रम प्रदान करते हैं।

2. आईआईटी गुवाहाटी में एडमिशन कैसे मिलता है?

आईआईटी गुवाहाटी जेई मेंस और जेई एडवांस्ड स्कोर के आधार पर छात्रों को बीटेक कोर्स में प्रवेश देता है।

3. भारत का सबसे बड़ा आईआईटी कौन सा है?

इस लिस्ट में सबसे ऊपर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Bombay) का नाम है।

4. आईआईटी गुवाहाटी की फीस कितनी है?

आईआईटी गुवाहाटी में पूर्ण कालीक बीटेक कार्यक्रम के लिए कुल ट्यूशन फीस 8 लख रुपए है। एसटी/एससी/दिव्यांग वर्ग की उम्मीदवारों को ट्यूशन फीस का भुगतान करने से छूट दी गई है।

5. भारत में नंबर 1 आईआईटी कौन सा है?

इसमें आईआईटी दिल्ली ने भारत में पहला स्थान हासिल किया है। आईआईटी दिल्ली का ग्लोबल रैंकिंग 171 है। पिछले साल के मुकाबले 225 रैंक का सुधार हुआ है। आईआईटी खड़गपुर दूसरे स्थान पर है।

Rajan Pandey: प्रिय पाठक मेरा नाम राजन पाण्डेय है। मैँ पिछले कुछ वर्षों से एक लेखक के रूप मे कार्य कर रहा हूँ। और मैँ Education से Related Post को आपके साथ Share करता हूँ।

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