HASY RAS : हास्य की परिभाषा एवं उदाहरण

परिभाषा एवं उदाहरण

HASY RAS : इस लेख में हम हास्य रस की परिभाषा के साथ – साथ हास्य रस के कुछ आसान उदाहरण का भी अध्ययन करेंगे। बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिकतर बार हास्य रस से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। तो चलिए विस्तार से हास्य रस की परिभाषा के कुछ आसान उदाहरण के बारे में जानते हैं।

हास्य रस की परिभाषा

HASY RAS : किसी व्यक्ति या वस्तु की अवसाधारण वेशभूषा आकृति वाणी तथा चेष्टा आदि को देखकर हृदय में जो आनंद का भाव जागृत होता है उसे ही हास्य रस कहा जाता है। यही हास्य जब विभाव, अनुभाव और संचारी भाव से पुष्ट हो जाता है। तो उसे हास्य रस कहते हैं। हास्य रस का स्थाई भाव हास हैं।

हास्य रस के प्रकार

HASY RAS : हास्य रस के दो प्रकार होते हैं , आईए जानते हैं हास्य रस के दोनों प्रकार के बारे में।

  1. आत्मस्थ हास्य रस – जब किसी व्यक्ति या विषय की विचित्र वेशभूषा, वाणी, आकृति तथा चेष्टा आदि को देखने मात्र से जो हाथ से उत्पन्न होता है उसे आत्मस्थ हास्य रस कहते हैं। यह मृदु या हल्का हास्य होता है, जो चेहरे पर हल्की मुस्कान लाता है।
  2. परस्थ हास्य रस – जब किसी व्यक्ति या विषय की विचित्र, वेशभूषा, वाणी, आकृति तथा चेष्टा आदि को देखकर जब कोई व्यक्ति हँसता है, तो उसे हंसते हुए व्यक्ति को देखकर जो हास्य प्रकट होता है उसे परस्थ हास्य रस कहते हैं। यह तीव्र हास्य होता है, जो व्यक्ति को जोर से हंसने के लिए प्रेरित करता है।

हास्य रस के प्रमुख भाव

रस का नाम हास्य रस
स्थाई भाव हास
अनुभाव हँसते-हँसते पेट पर बल पड़ना , आँखों में पानी आना , आँखों को मीचना , हंसी से ताली पीटना , मुस्कुराहट ।
संचारी भाव अश्रु , हर्ष , चपलता , स्नेह , उत्सुकता , स्मृति , आवेग आदि
आलम्बन अनोखी और विचित्र वेशभूषा , विकृत आकृति वाला व्यक्ति , मूर्खतापूर्ण चेस्टा , हँसाने वाला व्यक्ति ।
उद्दीपन आलम्बन द्वारा की गई अनोखी एवं विचित्र चेस्टाएँ ।

हास्य रस का उदाहरण

HASY RAS : जहाँ पर हास्यपद स्तिथि या वर्णन आदि को देखकर या पढ़कर मन में जब हास्य (हँसी) की उत्पत्ति होती है , वहाँ पर हास्य रस होता हैं नीचे हास्य रस के उदाहरण से समझते हैं।

उदाहरण -1

कहा बंदरिया ने बंदर से चलो नहाने गंगा ।

बच्चों को छोड़ेंगे घर पे होने दो हुड़दंगा ।।

अर्थ – HASY RAS : इस उदाहरण में बंदर और बंदरिया अपने बच्चों को छोड़कर गंगा नहाने की बात कर रहे हैं और कहते है की तुम लोग घर पर हुड़दंग करो , जिसे सुन कर हँसी आती हैं।

उदाहरण -2

नाना वाहन नाना वैशा , बिहसे सिव समाज निज देखा।

उदाहरण -3

हाथी जैसी देह , गेंडे जैसी खाल।

तरबूजे सी खोपड़ी , तरबूजे सी चाल ।।

उदाहरण -4

HASY RAS : बीरबल के किस्से हास्य रस के उत्कृष्ट उदाहरण माने जाते हैं। एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा कि दुनिया में सबसे ताकतवर कौन है बीरबल ने कहा , महाराज सबसे ताकतवर रोटी है अकबर ने पूछा वह कैसे बीरबल ने उत्तर दिया क्योंकि भूख के समय सभी उसकी ताकत के आगे झुक जाते हैं इस प्रकार के मजेदार जवाब से बीरबल ने सबको हंसा दिया और चौंका दिया इस प्रकार इस स्थिति में हास्य रस का संचार होता है

उदाहरण -5 HASY RAS : हास्य रस के विषय में एक बहुत प्रचलित कविता।

कविता -
बंदर ने खोला बाबू का जूता,
पहना उसे और लगा नाचने झूला।
बाबू बोले , "बंदर भैया यह क्या किया?"
बंदर बोला , "अब तो यह मेरा जूता है पक्का!"

बकरी बोली , "मुझे भी कुछ दो पहनने को,
सर्दी में ठंड ,"लगेगी चलो तुम कुछ दो बिछाने को।"

मुर्गा हंसा और बोला , तू घास ही चर ,
जैसे तैसे बीत जाएगी ठंडी की यह लहर!"

गधा बोला , ''मुझे पहनानी है टोपी!
कान ठिठुरतें हैं , नहीं चाहिए कोई सस्ती सी जोड़ी। ''
हाथी हंसा और बोला ,''तू भी अजीब है,
तेरी टोपी कौन बनाएगा किसके पास इतनी सील है।

इस तरह से जानवरों का चला मजेदार मेला ,
हर कोई पहनने को कुछ ना कुछ उठा रहा अकेला।
हंसी से गुंजा जंगल सब थे मस्त मौला ,
हास्य रस में डूबी यह कविता है भोला !
यह हास्य रस की सरल और मनोरंजन कविता है जो जानवरों के बीच मजेदार संवाद और उसकी हरकतों से हंसी उत्पन्न कराती है।





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Rajan Pandey  के बारे में
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