राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
CP Radhakrishnan Oath Ceremony के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीपी राधाकृष्णन को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के पद की शपथ दिलाई। यह शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को आयोजित किया गया।
उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत
मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में क. राधाकृष्णन ने संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को हराकर जीत दर्ज की। इस चुनाव के नतीजों के बाद देश को नया उपराष्ट्रपति मिला।
यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद आयोजित किया गया था।
वोटिंग और परिणाम
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राज्यसभा महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने चुनाव परिणाम की घोषणा की।
- कुल 781 सांसदों में से 767 ने मतदान किया।
- मतदान प्रतिशत 98.2% रहा।
- सीपी.राधाकृष्णन को 452 वोट मिले।
- विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए।
CP Radhakrishnan Take Oath as 15th Vice-President : देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने राधाकृष्णन
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क. राधाकृष्णन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति भारत के संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे, संसदीय संवाद में सकारात्मक योगदान देंगे और अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करेंगे।
पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे
उपराष्ट्रपति बनने से पहले क. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर कार्यरत थे। अब उनके उपराष्ट्रपति बनने के बाद महाराष्ट्र का राज्यपाल पद खाली हो गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस स्थिति में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
CP Radhakrishnan Take Oath as 15th Vice-President Ceremony 2025: – Latest Updates
तिथि | घटना/अपडेट |
12 सितम्बर 2025 | राष्ट्रपति भवन में CP Radhakrishnan Oath Ceremony 2025 आयोजित हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें देश का 15वां उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। |
10 सितम्बर 2025 | उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित हुए। क. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। |
10 सितम्बर 2025 | 781 में से 767 सांसदों ने मतदान किया, मतदान प्रतिशत 98.2% रहा। |
10 सितम्बर 2025 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीतने पर राधाकृष्णन को बधाई दी और विश्वास जताया कि वे संवैधानिक मूल्यों को और मजबूत करेंगे। |
पूर्व पद | उपराष्ट्रपति बनने से पहले क. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। अब यह पद खाली हो गया है। |
नया कार्यभार | गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है |

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राजनीतिक जीवन की शुरुआत (RSS और जनसंघ से जुड़ाव)
सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने मात्र 16 वर्ष की आयु में राजनीति की ओर कदम बढ़ाया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से स्वयंसेवक के रूप में जुड़ गए। RSS के संस्कारों ने उनके भीतर अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और संगठन की गहरी समझ पैदा की। युवावस्था में ही वे शाखाओं में नियमित रूप से भाग लेने लगे और समाज सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य मान लिया।
वर्ष 1974 में वे भारतीय जनसंघ के तमिलनाडु राज्य कार्यकारिणी सदस्य बने। यह उनके राजनीतिक जीवन का पहला बड़ा पड़ाव था। 1990 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जब तमिलनाडु में अपने संगठन को मजबूत करना शुरू किया तो राधाकृष्णन अग्रणी कार्यकर्ताओं में शामिल थे। वर्ष 1996 में उन्हें भाजपा तमिलनाडु का सचिव नियुक्त किया गया। उनकी मेहनत, ईमानदारी और संगठन क्षमता ने उन्हें राज्य की राजनीति में एक मजबूत पहचान दिलाई और यही आगे उनके राष्ट्रीय सफर की नींव बनी।