C P Radhakrishnan NDA Vice President Candidate 2025 : सी. पी. राधाकृष्णन कौन हैं? महाराष्ट्र राज्यपाल से NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तक का सफर

C P Radhakrishnan NDA Vice President Candidate 2025

C P Radhakrishnan NDA Vice President Candidate 2025 : भारतीय राजनीति में कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने ज़मीन से जुड़कर अपना सफर शुरू किया और फिर देश की उच्च संवैधानिक पदों तक पहुँचे। इन्हीं में से एक नाम है सी. पी. राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan)। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और वर्तमान महाराष्ट्र के राज्यपाल को एनडीए (NDA) ने भारत के उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
यह लेख उनके जीवन परिचय, शिक्षा, राजनीतिक करियर, उपलब्धियों और उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी तक की पूरी यात्रा को विस्तार से बताए.

संक्षिप्त विवरण

विषयविवरण
पूरा नामसी. पी. राधाकृष्णन (C.P. Radhakrishnan)
जन्म20 अक्टूबर 1957, तमिलनाडु
शिक्षावाणिज्य (Commerce) में स्नातक
राजनीतिक दलभारतीय जनता पार्टी (BJP)
प्रमुख पददो बार लोकसभा सांसद (1998, 1999), भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष, कुईर बोर्ड अध्यक्ष
वर्तमान पदमहाराष्ट्र के राज्यपाल (2023 से)
नई जिम्मेदारीNDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार (2025)
विशेषताएँईमानदार, सादगीपूर्ण, संगठनात्मक क्षमता और सेवा भाव

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

C P Radhakrishnan NDA Vice President Candidate 2025 : सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में एक सामान्य परिवार में हुआ। बचपन से ही वे मेधावी और अनुशासित छात्र रहे। परिवारिक संस्कारों और सामाजिक परिवेश ने उनमें सेवा और नेतृत्व की भावना विकसित की। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तिरुप्पुर में पूरी की और उच्च शिक्षा के लिए तूतूकुड़ी के वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज में दाखिला लिया। यहाँ से उन्होंने वाणिज्य में स्नातक (BBA) की डिग्री प्राप्त की।

कॉलेज के दिनों में राधाकृष्णन न केवल पढ़ाई में बल्कि खेलों में भी उत्कृष्ट रहे। वे टेबल टेनिस के कॉलेज चैम्पियन रहे और लंबी दूरी की दौड़, क्रिकेट व वॉलीबॉल में भी सक्रिय भागीदारी की। शिक्षा और खेलों के इस संतुलन ने उनके व्यक्तित्व को और निखारा। यही अनुशासन और नेतृत्व क्षमता आगे चलकर उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी ताकत बनी।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत (RSS और जनसंघ से जुड़ाव)

सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने मात्र 16 वर्ष की आयु में राजनीति की ओर कदम बढ़ाया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से स्वयंसेवक के रूप में जुड़ गए। RSS के संस्कारों ने उनके भीतर अनुशासन, राष्ट्रभक्ति और संगठन की गहरी समझ पैदा की। युवावस्था में ही वे शाखाओं में नियमित रूप से भाग लेने लगे और समाज सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य मान लिया।

वर्ष 1974 में वे भारतीय जनसंघ के तमिलनाडु राज्य कार्यकारिणी सदस्य बने। यह उनके राजनीतिक जीवन का पहला बड़ा पड़ाव था। 1990 के दशक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जब तमिलनाडु में अपने संगठन को मजबूत करना शुरू किया तो राधाकृष्णन अग्रणी कार्यकर्ताओं में शामिल थे। वर्ष 1996 में उन्हें भाजपा तमिलनाडु का सचिव नियुक्त किया गया। उनकी मेहनत, ईमानदारी और संगठन क्षमता ने उन्हें राज्य की राजनीति में एक मजबूत पहचान दिलाई और यही आगे उनके राष्ट्रीय सफर की नींव बनी।

पहली बड़ी उपलब्धि – 1998 और 1999 में सांसद बनना

सी. पी. राधाकृष्णन के राजनीतिक करियर में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु की कोयंबटूर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। यह जीत बेहद खास थी क्योंकि 1998 में कोयंबटूर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण थे। ऐसे माहौल में जनता ने राधाकृष्णन की सादगी, ईमानदारी और सेवा भाव को पहचाना और उन्हें भारी समर्थन दिया।

उनकी जीत ने न केवल बीजेपी को दक्षिण भारत में मजबूती दी, बल्कि यह भी साबित किया कि कठिन परिस्थितियों में भी जनता सही नेतृत्व को पहचान सकती है। संसद में राधाकृष्णन ने विकास, उद्योग और सामाजिक सौहार्द से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाया। उनकी यह सफलता उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली रही और उनके राजनीतिक करियर की मजबूत नींव बन गई।

BJP में नेतृत्वकारी भूमिका

  • 2003 से 2007 तक सी. पी. राधाकृष्णन ने भाजपा तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम किया।
  • इसी दौरान उन्होंने 93 दिनों की लंबी रथ यात्रा निकाली। यह यात्रा लगभग 19,000 किलोमीटर की थी।

यात्रा के मुख्य मुद्दे:

उनकी यह पहल भाजपा को तमिलनाडु में मजबूत आधार देने में मददगार रही।

सी. पी. राधाकृष्णन की केंद्र सरकार और अन्य जिम्मेदारियाँ

सांसद बनने के बाद सी. पी. राधाकृष्णन को केंद्र सरकार और संगठन में कई अहम जिम्मेदारियाँ सौंपी गईं। वे लोकसभा की विभिन्न समितियों के सक्रिय सदस्य रहे और उद्योग, वित्त व सामाजिक कल्याण से जुड़े विषयों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। भाजपा संगठन में उन्होंने तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और राज्य में पार्टी का जनाधार बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई।

बाद में उन्हें केंद्र सरकार की ओर से कुईर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहाँ उनके नेतृत्व में भारत ने विश्व स्तर पर कुईर उत्पादों का निर्यात रिकॉर्ड स्तर तक पहुँचाया। साथ ही वे भाजपा के केरल प्रभारी भी रहे और संगठन को नई दिशा दी। उनकी साफ-सुथरी छवि और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उन्हें क्रमशः झारखंड और महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इन सभी भूमिकाओं ने उन्हें एक ईमानदार और अनुभवी नेता के रूप में स्थापित किया।

महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सी. पी. राधाकृष्णन का सफर

सी. पी. राधाकृष्णन को फरवरी 2023 में महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और निष्ठा से किया। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। वे हमेशा शिक्षा, उद्योग और सामाजिक विकास से जुड़े कार्यक्रमों में सक्रिय रहे और युवाओं को राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णन की सादगी और संवेदनशीलता झलकती है। वे विश्वविद्यालयों के कार्यक्रमों में छात्रों को नैतिक मूल्यों और अनुशासन पर जोर देते रहे। उनका कार्यकाल महाराष्ट्र में प्रशासनिक स्थिरता और विकास की दिशा में उल्लेखनीय माना जाता है।

सी. पी. राधाकृष्णन का व्यक्तिगत जीवन और विशेषताएँ

सी. पी. राधाकृष्णन का जीवन सादगी और अनुशासन से भरा हुआ है। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु में हुआ था। परिवारिक पृष्ठभूमि साधारण होने के बावजूद उन्होंने शिक्षा और समाज सेवा को हमेशा प्राथमिकता दी। उनका वैवाहिक जीवन संतुलित और संस्कारों से युक्त है। निजी जीवन में वे अध्यात्म, पुस्तकों के अध्ययन और सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं।

उनकी सबसे बड़ी विशेषता उनकी ईमानदारी, सादगी और पारदर्शिता है। राजनीति में रहते हुए भी वे विवादों से दूर रहे और हमेशा सेवा भाव से कार्य करते रहे। संगठनात्मक क्षमता, नेतृत्व कौशल और सभी वर्गों के लोगों से जुड़ने की योग्यता ने उन्हें विशिष्ट पहचान दी। एक समर्पित राष्ट्रवादी कार्यकर्ता के रूप में वे आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

NDA का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार: सी. पी. राधाकृष्णन

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह फैसला उनकी सादगीपूर्ण छवि, ईमानदार कार्यशैली और लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए लिया गया है। राधाकृष्णन न सिर्फ भाजपा संगठन को दक्षिण भारत में मजबूती देने में सफल रहे, बल्कि सांसद, संगठनकर्ता, कुईर बोर्ड अध्यक्ष और राज्यपाल जैसी जिम्मेदारियाँ भी बखूबी निभा चुके हैं।

उनकी उम्मीदवारी NDA के लिए रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे OBC समुदाय से आते हैं और दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़ मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। राजनीतिक जीवन में स्वच्छ छवि और जनसेवा के लिए प्रसिद्ध राधाकृष्णन का यह नया सफर भारतीय लोकतंत्र में उनके योगदान को और मजबूत करेगा।

सी. पी. राधाकृष्णन का महत्व

भारतीय राजनीति में सी. पी. राधाकृष्णन का महत्व उनके लंबे अनुभव, स्वच्छ छवि और संगठनात्मक क्षमता के कारण विशेष है। उन्होंने दक्षिण भारत में भाजपा को मजबूत करने की दिशा में अहम भूमिका निभाई और दो बार लोकसभा सांसद बनकर संसद में जनता की आवाज उठाई। कुईर बोर्ड अध्यक्ष रहते हुए भारत के निर्यात को नई ऊँचाई दी, वहीं राज्यपाल के रूप में संवैधानिक दायित्वों का सफल निर्वहन किया।

उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे हमेशा सेवा, सादगी और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देते हैं। NDA का उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना इस बात का प्रमाण है कि वे आज भी राष्ट्रीय राजनीति में एक विश्वसनीय और प्रेरणादायी नेता माने जाते हैं।

निष्कर्ष – सी. पी. राधाकृष्णन भारतीय राजनीति में सादगी, ईमानदारी और सेवा भाव के प्रतीक हैं। उनका सफर एक सामान्य कार्यकर्ता से लेकर सांसद, भाजपा संगठन के मजबूत स्तंभ, कुईर बोर्ड अध्यक्ष, राज्यपाल और अब NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तक पहुँचना उनकी क्षमता और समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने हमेशा विकास, शिक्षा, उद्योग और सामाजिक सौहार्द को प्राथमिकता दी। उनकी स्वच्छ छवि और संगठनात्मक अनुभव उन्हें भारतीय लोकतंत्र में और अधिक प्रभावशाली बनाता है। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनका नाम इस बात का संकेत है कि वे आने वाले समय में भी राष्ट्र के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

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