8th Pay Commission : आठवीं वेतन आयोग की संभावित सिफारिश के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18000 से बढ़कर लगभग ₹34, 560 हो सकती है जिससे, कर्मचारियों और पेंशनधारियों को राहत मिलने की उम्मीद है। पेंशन पर इसी हिसाब से बढ़कर ₹17280 तक हो सकती है। सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़े फैसले में, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी” के नेतृत्व में कैबिनेट ने आठवीं केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। ‘केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव‘ ने हाल ही में घोषणा करते हुए कहा कि आयोग 2026 तक बनने की संभावना है। अधिक जानकारी के लिए आप इसके आधिकारिक पोर्टल https://doe.gov.in/central-pay-commission पर विजिट कर सकते है।
8th Pay Commission : कब होगा लागु
8th Pay Commission साल 2026 में लागू होने की संभावना है। ऐसे में इसकी अनाउंसमेंट इतनी जल्दी करने के पीछे कारण समय रहते सुझाव, सिफारिस आदि सही से हैंडल हो सके इसलिए इसका गठन इतनी जल्दी किया गया है। सरकारी कर्मचारियों को अभी तक सातवें पे कमीशन के तहत वेतन मिलता था। आठवां पे कमीशन के लागू होने से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी होने की काफी उम्मीदें है। इसके तहत सरकार रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन और भर्ती में बढ़ोतरी कर सकता है। इस आयोग के गठन की सही तारीख अभी ऐलान नहीं की गई है।
8th Pay Commission : कितनी बढ़ेगी सैलरी


केन्द्रीय मंत्री ‘अश्वनी वैष्णव’ ने कहा कि आठवीं वेतन आयोग की निगरानी के लिए जल्द ही अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। 8th Pay Commission की आने से सैलरी में क्या फर्क पड़ेगा। आइये जानते हैं, सैलेरी कैलकुलेशन के लिए फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। इससे यह तय होता हैं की वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी। वर्तमान वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया है।
इसके जरिये न्यूनतम वेतन ₹7000 से बढ़कर 18000 रुपए हो गया। आठवीं वेतन आयोग के लिए 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग हो रही है। इसके मुताबिक न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए से बढ़कर 51,480 रुपए हो सकता है। वहीं न्यूनतम पेंशन ₹9000 से 25740 रूपये तक बढ़ सकती है। प्रमोशन होने और सैलरी बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ सकती है।
8th Pay Commission : क्या है आठवां वेतन आयोग
केंद्र सरकार द्वारा एक आयोग का गठन किया जाता है। इसे वेतन आयोग कहा जाता है। यह केंद्र के सरकारी एंप्लॉय के सैलेरी स्ट्रक्चर में बदलाव की सिफारिस करता है। पिछला यानी सातवां वेतन आयोग फरवरी साल 2014 में गठन हुआ था। हालांकि इस 1 जनवरी साल 2016 में लागू किया गया था। सातवां वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी ₹7000 से बढ़कर 18000 रुपए हो गई थी। अमूमन हर 10 साल में नए आयोग का गठन किया जाता है।
8th Pay Commission : हाईलाइट्स
- फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि : कर्मचारी यूनियन सातवें वेतन आयोग के मौजूदा 2.75 फिटमेंट फैक्टर के मुकाबले इसे कम से कम 2.86 करने की मांग कर रहे हैं। अगर यह स्वीकृत होता है तो वेतन में काफी वृद्धि हो सकती है। एंट्री लेवल के वेतन में बड़ी वृद्धि की संभावना है। जो पेंशन कैलकुलेशन को भी प्रभावित कर सकती है।
- भत्ते में संशोधन : मकान किराया भत्ता (HRA), महंगाई भत्ता (DA), और यात्रा भत्ता (TA), मैं सुधार की उम्मीद है रीमोटली (वर्क फ्रॉम होम) काम करने वाले या चुनौती पूर्ण स्थान में काम करने वाले कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिल सकते हैं।
- पेंशन में संशोधन : पेंशन प्लान में सुधार, ताकि उन्हें संशोधन वेतन संरचना के अनुरूप बनाया जा सके। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) लाभो में रि-इवेंल्यूएशन हो सकता हैं।
- वेतन स्ट्रक्चर आसान होगा : वेतन बैंड और ग्रेड पे का सुधार, जिसमें सिस्टम को अधिक से व्यवस्थित किया जा सके। वेतन स्ट्रक्चर को अधिक पारदर्शी और समझने में आसान बनाने का प्रयास।
- महंगाई भत्ते (DA) पर प्रभाव : महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत को ध्यान रखते हुए DA दरों में वृद्धि की उम्मीद।
- संभावित समय सीमा : सिफारिश को 2025 तक प्रस्तुत किए जाने की संभावना है, और इसे 1 जनवरी 2026 तक लागू किया जा सकता है।
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